क्या हम अपनी लालच, सत्ता, अभिमान, के गुलाम नहीं?
क्या हम ऐश आराम, सफलता, नामना, अपनी जिद, के गुलाम नहीं?
क्या हम अपने मान सम्मान, कीर्ति के गुलाम नहीं?
जब तक हम इन चीजों से आजादी नहीं पाएंगे, तब तक अपनेआप के गुलाम ही बने रहेंगे।
कब तक हम अपने फायदे और नुकसान में ही अटके रहेंगे?
जब खुद की गुलामी छोड़ेंगे तब ही दूसरों के बारे में, देशहित के बारे में सोचेंगे।
अगर ये सोच देश के हर नागरिक, मंत्री से लेके तंत्री तक, मैनेजर से लेकर एम्प्लोयी तक, बच्चों से लेकर बड़ों तक, पहुँचेगी तब ही हम आगे बढ़े हुए कहलायेंगे और अपनी आजादी का जश्न मनाने के हकदार होंगें।
मनाओ स्वत्रंता दिवस खुद के लिये, खुद की ही गुलामी से आजादी पाओ और स्वहित को छोड़कर दूसरों के हित के बारे में सोचना शुरू करें।
जयहिंद!🙏
Happy Independence Day to all!!💐💐
🙏
-Dr. Neeta Thakkar